एस्काइटिस और होम्योपैथी उपचार का करिश्मा
लेखक: डॉ. रजनीश जैन, श्री आर.के. होम्योपैथी अस्पताल, सागवाड़ा विवरण एस्काइटिस: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट के अंदर तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे पेट फूला हुआ और वजन बढ़ा हुआ महसूस हो सकता है। एस्काइटिस का प्रमुख कारण लीवर रोग, कैंसर, और अन्य अंतर्निहित स्थितियां हो सकती हैं। कारण: लीवर सिरोसिस: लीवर की खराबी के कारण रक्त संचलन में रुकावट और तरल पदार्थ का जमा होना। कैंसर: विशेष रूप से पेट और लीवर से संबंधित। हृदय रोग: हार्ट फेल्योर के कारण रक्त संचलन में गड़बड़ी। किडनी रोग: किडनी फेल्योर से तरल पदार्थ का संतुलन बिगड़ना।
लक्षण: पेट में सूजन और दर्द वजन बढ़ना श्वास कठिनाई भूख में कमी थकान
होम्योपैथी उपचार: आधुनिक चिकित्सा के इस युग में, होम्योपैथी ने खुद को एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प के रूप में स्थापित किया है। डॉ. रजनीश जैन का विश्वास है कि होम्योपैथी दवाएं शरीर की आत्म-चिकित्सा क्षमता को प्रोत्साहित करती हैं और एस्काइटिस के लक्षणों को कम करती हैं। प्रमुख होम्योपैथिक दवाएं: आर्सेनिक एल्बम: सूजन और थकान के लिए एपिस मेलिफिका: सूजन और पेट दर्द के लिए ब्रायोनिया: पेट में जलन और दर्द के लिए
इन दवाओं का उपयोग एक अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह के तहत ही किया जाना चाहिए। @Dr.Rajneesh Jain 
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